Budget 2024: देश का वित्त मंत्री हर साल 1 फरवरी को आम बजट पेश करते हैं क्योंकि वर्ष 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है तो इस वर्ष 1 फरवरी को यूनियन बजट 2024-25 पेश करने जा रही है आईए जानते हैं क्या कुछ खास होने वाला है Budget 2024 में किसानों को इतना बड़ा झटका क्यों?
Budget 2024 भारत के इकोनॉमी के लिए कैसा होगा
हाल ही में भारत सरकार के एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बढ़ोतरी देखने को मिला है फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था एक अच्छी स्थिति में है दूसरी तिहाई में उम्मीद इस ग्रोथ को तेज रफ्तार करने के लिए कुछ हम ऐलान हो सकता है वित्र मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाली 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे भारत सरकार के पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग कहां है की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार को लंबे समय तक का नजरिया रखना होगा फिलहाल इकोनॉमी की रफ्तार अच्छी है।
कब शुरू होती है बजट की तैयारी
केंद्रीय बजट में स्पेशल फाइनेंशियल ईयर के लिए सरकार का अनुमानित प्राप्तियां और वह का विवरण होता है Budget 2024 को आने वाले वर्ष के लिए आवंटित करते हैं जो अगले वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है वही अंतरिम बजट चुनाव वाले साल में पेश किया जाता है यह व्यवस्था नहीं सरकार बनने से पहले तक हो जाती है नई सरकार बनने के बाद फिर से पूरा बजट पेश किया जाता है।
Budget 2024 को लेकर निर्मला सीतारमण ने क्या कहा
वित्त मंत्री ने बताया है कि डायरेक्ट टैक्स सिस्टम में सुधार के ऐलान के साथ-साथ नए उपाय से सरकार के राजकोषीय घाटे के आंकड़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि वित्त मंत्री ने पहले ही कहा था कि फरवरी में अंतरिम बजट किसी भी तरह की कोई खास ऐलान नहीं होगा पूर्ण बजट लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में पेश किया जाएगा इस कारण इस Budget 2024 में बदलाव की कम उम्मीद है।
टैक्स को लेकर बदलाव हो चुके हैं
निर्मला सीतारमण ने पिछले तीन-चार साल में टैक्स पेयर्स के लिए आयकर से जुड़े कई नियम पेश किया है इसमें नया टैक्स व्यवस्था के तहत 7 लख रुपए तक टैक्स में छूट और अन्य नियम शामिल है वहीं पिछले बजट में महिलाओं के लिए नई स्कीम बिल लाई गई थी इसके अलावा किसानों के लिए भी ऐलान किया गया था।
इसे भी पढ़े –Shoaib malik and sania Mirza: शोएब मलिक ने रचाई तीसरी शादी इस एक्ट्रेस ने थामा है हाथ
Budget 2024 नया टैक्स व्यवस्था में क्या बदलाव हुआ है
बजट FY24 में वित्त मंत्री ने बड़े बदलाव किए हैं और अब नई टैक्स व्यवस्था को नए डिफॉल्ट विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है उन्होंने नई टैक्स व्यवस्था का समर्थन के लिए प्रोत्साहनों को जोड़ा जिसमें 7 लख रुपए।
बजट कैसे तैयार किया जाता है
फाइनेंशियल ईयर में 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है 1 अप्रैल से पहले बजट को संसदीय मंजूरी का आवश्यकता होता है बजट बनाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है इसीलिए अंतिम मसूदा तैयार करने में मीना का योजना परामर्श और संकलन करना पड़ता है यह प्रक्रिया फाइनेंशियल डिटेल को संसद में प्रस्तुत किए जाने से लगभग 6 महीना पहले शुरू हो जाता है जिस पर अगस्त सितंबर में ही विचार विमर्श शुरू हो जाता।
Step 1: बजट तैयार करने का सबसे पहला कदम केंद्रीय वित्त मंत्री को सभी मंत्रालय राज्य केंद्र शासित प्रदेश और स्वास्थ्य संस्थानों को सर्कुलर जारी कर आगामी FY के लिए अनुमान तैयार करने के लिए निर्देश देती हैं इस सर्कुलर में मंत्रालयों को अपनी मांगे प्रस्तुत करने में मदद करने के लिए आवश्यक गाइडलाइंस के साथ-साथ स्ट्रक्चर प्रपत्र भी शामिल होता है सभी मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश और ऑटोनॉमस बॉडी को अनुमान पेश करने के अलावा पिछले वर्ष की कमाई और कुल खर्च का भी खुलासा करना होता है।
Step 2: प्राप्त प्रस्ताव की समीक्षा
सभी मंत्रालय और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्ताव राजस्व सचिव को प्राप्त होता है टॉप लेवल के सरकारी अधिकारियों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को गहन समीक्षा किया जाता टैक्स विभाग और नीति आयोग इन प्रस्ताव को जांच के लिए व्यापक परामर्श करती है तारीख सत्यापित और अनुमोदित होने के बाद इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय भेज दिया जाता है।
Step 3: रेवेन्यू और खर्च का अनुमान
टैक्स विभाग द्वारा भेजे गए आंकड़ों की जांच की जाती है उसके बाद वित्त मंत्रालय कुल बजट घाटे का पता लगाने के लिए राजस्व और टैक्स के अनुमानों की तुलना करता है कुल बजट घाटे की कैलकुलेशन के बाद उसे निर्धारित करने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार से परामर्श लेना पड़ता है।
Step 4: रेवेन्यू एलोकेशन
सभी सिफारिश पर विचार करने के बाद वित्त मंत्रालय अलग-अलग मंत्रालय को और विभागों को उनके भविष्य मैं होने वाले खर्च के लिए राजस्व आवंटित करता है धन के आवंटन पर किसी भी आसहमति के स्थिति में वित्त मंत्रालय उसको आगे बढ़ने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधानमंत्री के साथ विचार विमर्श करता है।
Step 5: बजट पूर्व परामर्श
बजट को आवंटन के बाद वित्त मंत्रालय अलग-अलग स्टॉक होल्डर के साथ उसकी मांग और सिफारिश के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करता है इन स्टेकहोल्डर में राज्य के प्रतिनिधि बैंकर और किसान अर्थशास्त्री और ट्रेड यूनियन शामिल होता है।
बजट पूर्व परामर्श के दौरान उठाए गए सवालों और अनुरोधों पर विचार करने के बाद वित्त मंत्री प्रधानमंत्री के साथ व्यापक चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लेता है।
Step 6: बजट प्रेजेंटेशन
इसे भी पढ़े – MBA किये हुए लड़के ने बनाई है प्रभु श्री राम की मूर्ति, और मुर्तिया भी बना रहे ये मूर्तिकार
केंद्रीय बजट को राष्ट्रपति के मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री के द्वारा 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाता है वित्त मंत्री प्रस्तुत करने के दौरान डॉक्यूमेंट के मुख्य बिंदुओं का सारांश देते हैं और प्रस्तावों के पीछे की सोच के बारे में बताते हैं।
बजट प्रस्तुत होने के बाद केंद्रीय बजट पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाता है संसद के दोनों सदनों के द्वारा अनुमति होने के बाद बजट को फाइनल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है।
1 thought on “Budget 2024:क्या कुछ खास होने वाला है 2024 के बजट में किसानों को इतना बड़ा झटका क्यों”